शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

BIOFLOC FISH FARMING कैसे करे?

BIOFLOC FISH FARMING कैसे करे? 

 

Biofloc Tank
Biofloc fish farming tank

Biofloc fish farming system या तकनीक क्या है?

Biofloc fish farming system या तकनीक में पानी को बैलेंस किया जाता है और उसमें कार्बन, ऑक्सीजन नाइट्रोजन, क्लोरीन, नाइट्रेट, हाइड्रोजन मात्रा या लेबल्स को पता करके और यह सब एलिमेंट्स को बैलेंस किया जाता है और इस system में पानी को रिसाइकल या शुध्य किया जाता है और पानी के अंदर मौजूद प्रोटीन जैसे एलिमेंट्स को बैलेंस किया जाता है. 

Biofloc system को Indonesia और Vietnam में सबसे पहले शुरू किया गया था लेकिन अब लगभग हर Asian देशों में इस सिस्टम से मछली पालन की जा रही है।

Biofloc fish farming system में टंकी में मछली पालन की जाती है  खासकर  सीमेंट, प्लास्टिक या  टेंट (tarpolin) की टैंक होती है।  

Biofloc मतलब क्या है?

Biofloc का मतलब होता है प्रोटीन से भरे हुए microorganism जिसमें बैक्टीरिया, अलगाए जैसे bioproducts होते हैं। इस सिस्टम में पानी में मौजूद बैक्टीरिया जो  मछली की मल या waste products से प्रोटीन तैयार करती है और उससे ही मछली को चारा मिल जाता है ।

सीधे शब्द में कहे तो मछली जो भी चारा खाती है उसमे से 75% मल में परिवर्तित कर देती या निकाल देती है उससे पानी गन्दा हो जाता है और मछलिया मरने या बीमार पड़ने लगती है और खाना भी ज्यादा लगता है। इसलिए तलाव में चारा ज्यादा लगता है पानी भी बदलना पड़ता है हर 15 या 20 दिन में, लेकिन Biofloc fish farming System में बैक्टीरिया (probiotics) डाला जाता है जो मछली मल को waste Products को मछली की खाना के रूप में अरे प्रस्तुत कर देते हैं मछली फिर उसे खा लेते हैं इससे पानी भी जल्दी गन्दी नहीं होती है और मछली कम बीमार पढ़ते हैं।

Biofloc fish farming system मैं सबसे अच्छी बात है पानी का कम उपयोग क्योंकि अभी हर देश में पाने की कमी देखा जा रहा है खासकर भारत में इसीलिए  biofac fish farming system में पानी का इस्तेमाल कम होने से सब कोई इस तकनीक को अपना रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं।

Biofloc fish farming system बहुत ही ट्रेंडिंग, प्रॉफिटेबल सिस्टम हैं fish Farming के लिए। इसमें बहुत ही कम पानी की जरूरत पड़ती है दूसरी fish Farming की तुलना में जैसे की तलाव में fish Farming और RAS fish Farming सिस्टम से।

Biofloc fish farming सिस्टम में कम जगह, कम पानी और चारा भी कम लगती है दूसरी सिस्टम या टेक्नोलॉजी से इसलिये Biofloc सिस्टम को सब अपना रहे है खासकर फार्मर और बिजनेसमैन। Biofloc fish farming system से आजकल भारत के हर राज्य में मछली पालन हो रहा है।

Biofloc fish farming system या तकनीक तालाव में fish farming  से अलग क्यों है?

Biofloc fish farming system या तकनीक से आप बहुत ही ज्यादा मात्रा में मछली पालन कर सकते हैं कम लगत और कम जगह में।  Biofloc system में पानी और चारा मतलब मछली की खाना दोनों कम लगता है दूसरी सिस्टम से खासकर तलाव में मछली पालन के लिए।

तलाव में मछली पालन के लिए बहुत सी जगह की जरूरत पड़ती हैं लेकिन Biofloc system में आप बहुत ही कम जगह में मछली पालन कर सकते हैं। दूसरी Asian देशो में जैसे की चीन, फिलीपींस, इजरायल, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान जैसे देश में भी Biofloc fish farming system से फिश फार्मिंग होती है.

अभी इंडिया में भी इस Biofloc system को अपनाया जा रहा है फिश फार्मिंग के लिए। इस सिस्टम से मछली पालन की मुनाफा बहुत ज्यादा  होता है। इसके चलते सभी इसमें इंटरेस्ट दिखा रहे हैं चाहे वह फार्मर हो या बिजनेसमैन। Biofloc system एक ही बार इन्वेस्ट करने से कई साल तक कमा सकते हैं।

Biofloc system से मछली पालन में लगभग 50% से 60% तक मुनाफा होती है मतलब मुनाफा बहुत ज्यादा है दूसरी तकनीक की तुलना में।

इंडिया मैं लगभग हर स्टेट में अभी Biofloc fish farming system को अपनाया जा रहा है मछली पालन के लिए खासकर हरियाणा, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरला, वेस्ट बेंगल, पंजाब, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड जैसे स्टेट में इस तरीके से मछली पालन होती है।

Biofloc fish farming system में सबसे अलग चीज यह है कि इसमें पानी की खपत बहुत ही कम है. इस सिस्टम में आपको खेती की जमीन बर्बाद करने की जरूरत नहीं है आप कोई भी खाली जमीन को में Biofloc system या तकनीक से fish farming कर सकते हैं. इस तकनीक से मछली पालन करने के लिए दूसरी तकनीक तुलना में बहुत ही कम खर्चा होती है खासकर RAS सिस्टम से। इसलिए छोटे बिजनेसमैन या किशान भी इस तरीके को अपना रहे है मछली पालन के लिए। इस सिस्टम से 1 हेक्टेयर एरिया में 20 से 30 टन मछली उत्पादन होती है जो कि बहुत ही ज्यादा प्रोडक्शन माना जाता है.

Biofloc fish farming System की ट्रेनिंग क्यों जरुरी है ?

Biofloc  fish farming System  में सबसे जरूरी चीज है पानी का परीक्षण या टेस्ट। पानी का टीडीएस लेबल पता करना बहुत जरूरी है मछली पालन के लिए। सबसे पहले पानी की pH value कितनी है पता करके फिर पानी का एसिडिटी, आर्सेनिक, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, अमोनिया, कैल्शियम, क्लोरीन, आयरन, हाइड्रोजन, लीड, मरकरी, नाइट्रेट, नाइट्राइट की मात्रा या लेबल्स पता करना बहुत ही जरुरी है। आपके एरिया की पानी में कौन से प्रजाति की मछली पलने के लिए सही है पानी की जांच करने के बाद ही पता चलेगा। कौन से पानी में कौन सी मछली की प्रजाति कंफर्टेबल रहेगा फिश फार्मिंग के लिए ये जानना बहुत जरूरी है। अगर आपको केमिकल्स के लेवल मालूम हो जाए तो आप उसको बैलेंस भी कर सकते हैं अपने मछली की प्रजाति की हिसाब से।

मछली पालन में सबसे जरूरी चीज है मछलियों के बीमारी से लड़ना। मछली बहुत जल्दी बीमार पर जााते हैं। मछली के उत्पादन में सबसे बड़ी चैलेंज है मछली के इंफेक्शन, viral fever, fungus infection जैसे बीमारी। अधिकतर मछली जब लाया जाता है मतलब ट्रांसपोर्टेशन में ही बीमार पड़़ जाते हैं। मतलब एक दूसरे को जख्मी कर देती है। जैसे ही आप मछली को टंकी में डालते हैं अधिकतर मछली मर जाती है इसीलिए ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। ट्रेनिंग में आपको सिखाया जाता है कौन सी दवा किस बीमारी के लिए देनी है मछली पालन के लिए जिससे मछली बीमार मुक्त रहें और कितनी खाना डालना है मछली को ठीक तरीके से बढ़ने के लिए। इन सब बातो के लिए ट्रेनिंग बहुत जरुरी है Fish farming  के लिए. 

Biofloc fish farming सक्सेसफुल और लाभदायक तकनीक है मछली पालन के लिए लेकिन ट्रेनिंग जरूरी है।

Biofloc System से आप हर तरह के मछली उत्पादन कर सकते हैं जैसे कि Koi, Talapia, Magur, Shingi, Shrimp, Ruhu, katla, pangasius, sole fish और भी बहुत सारे।

लेकिन Biofloc fish farming system में अगर आप नए हैं तो आपको Airbreather fish मतलब हवा में सांस लेने वाली मछली की प्रजाति से शुरू करनी चाहिए। अगर आप पुराने हो जाएंगे तो कोई भी प्रजाति के मछली पाल सकते हैं। जैसे कि मांगूर, देसी मांगुर मछली, सिंगी, सोल, वियतनामी कई, पैनगैसियस, पब्दा।

Underwater breathing fish यानी कि पानी के अंदर सांस लेने वाली मछली की प्रजाति जैसे कि रोहू, कतला, मृगल, तिलापिया रूपचंदा। Biofloc fish farming तकनीक से पुराने हो जाएंगे या आपको एक्सपीरियंस हो जाएगा तब आप हर तरह की मछली पाल सकते हैं इस सिस्टम से लेकिन कुछ मछलियों की ग्रोथ कम होती है उसी हिसाब से आपको मछली का चयन करना चाहिए। 

आपके नजदीक के मार्केट में कौन सा मछली का डिमांड है उसी हिसाब से आपको मछली पालन करने चाहिए और मछली के प्रजाति के हिसाब से मछली का दाम भी होता है मतलब आप कौन सी प्रजाति की मछली पालेंगे उस हिसाब से आप का मुनाफा होगा।

आप अगर Biofloc System से कमाई करना चाहते हो तो पहले इसकी ट्रेनिंग ले लीजिए नहीं तो आपको बहुत सारे मुश्किलों का सामना हो सकता है जैसे की मछली की बीमारी यह बहुत ही नुक्शानदायक प्रॉब्लम होती है मछली पालन में। 

Biofloc fish farming System की ट्रेनिंग कैसे होती है?

Biofloc fish farming System की ट्रेनिंग में आपको सिखाया जाएगा कि आप मछली की बीमारी की प्रॉब्लम से कैसे लड़ सकते हैं। Biofloc System की एक बड़ी प्रॉब्लम है temparature जिसमें फिश फार्मिंग में बहुत ही ज्यादा असर करती है इसलिए ट्रेनिंग लेना जरूरी है। ट्रेनिंग में आपको टेंपरेचर कंट्रोल करने के तरीके सिखाए जाएंगे या टेंपरेचर कंट्रोल में से कैसे काम करते हैं सिखाए जाएंगे। ट्रेनिंग के दौरान आपको floc कैसे तैयार करें यह भी सिखाए जाता है.  Tank में आप एलोवेराairpipe, inlet, outlet कैसे करें सब सिखाए जाएंगे।

Biofloc training centre in India

ARB training centre in Haryana.

Adhir Biofloc fish farming in UP

Poikra Farmhouse, ABC adibasi society, Durg, chastisgarh

RSM Biofloc fish farming

KGRM fish farm in Bihar

Pearl and Fish Farm Training in Jaipur, Rajasthan.

Gorakhpur, Uttarpradesh


CIBA, Chennai

JP Singh, Datia, MP

IFM Society, Kerala

KGRM Fish Farming, Begusaray, Bihar

Mahamaya Bioflic Fish Farm, Kanker Chhattisgarh

Biofloc System
Biofloc fish farming training दिलाने के नाम से कोई कोई कंपनी ठगी भी करते हैं इसीलिए अच्छी तरह जानकारी लेकर तभी ट्रेनिंग के लिए पैसा दे। कोई कोई कंपनी फ्री ट्रेनिंग भी देते हैं आप उनसे भी ट्रेनिंग ले सकते हैं।


Biofloc fish farming System की  Setup कैसे करें?

Biofloc fish farming System की  Setup के लिए iron Frame और टेंट या ट्रिपल से टंकी तैयार किया जाता है. आप Tarpoline की टैंक भी तैयार कर सकते हैं। सीमेंट की टंकी भी ठीक रहती है मछली पालन के लिए। इस सिस्टम में टैंक  में Airpipe डाले जाते हैं। इस सिस्टम में Airblower या पाइप मछली की मल या waste products को नीचे में जमने नहीं देते हैं.  Biofloc System की सेटअप में inlet और outlet पूरी सिस्टम होनी चाहिए। इस सिस्टम में पानी को बार-बार चेंज करने की जरूरत नहीं होती है। आप 20 से 30 दिन में 10 या 20 परसेंट पानी निकाल सकते हैं। आप 3 महीने के बाद ही पानी चेंज कर सकते हैं। इस सिस्टम में मछली की मल या fecal materials को भी floc में कन्वर्ट किया जाता है ताकि मछली उसे भी खा सके और पानी साफ रहे.  इस सिस्टम में बीच-बीच में आपको पानी को चेक करना पड़ेगा कि उसमें biofloc की मात्रा कितने हैं और calculate करके फिर से डालना पड़ता है. Biofloc सिस्टम में shadings करना जरूरी है नहींं तो जाड़े केेे मौसम में मछली मर सकते हैं इसीलिए टंकी के ऊपर में छत बहुत जरूरी है।

Equipment for Biofloc Setup

Biofloc fish farming setup के लिए आपको नीचे दिए गए सामानों की जरूरत पड़ेगी। आप ऑनलाइन भी सेटअप का सामान मंगा सकते हैं।

  • Tarpolin/Cement Tank/Plastic tank.
  • Iron frame.
  • Wire.
  • Water pipe.
  • Inlet drainage.
  • Outlet drainage.
  • Temperature controller.
  • Thermometer.
  • Air Blower.
  • Air Pump (DC Pump).
  • Air Stone with point.
  • Water Pipe.
  • Water Tank.
  • Connector.
  • T-shape Connector.
  • Adjustable pH meter with pH test paper.
  • Manual Salinity Meter/Gravity meter.
  • TDS Meter.
  • Ammonia test kit.
  • D.O. meter.
  • Solar Panel with DC/AC meter.

Biofloc कैसे तैयार करें?

Biofloc तैयार करने के लिए चूना या lime, प्रोबायोटिक (probiotics ), रॉक साल्ट (rock Salt), लिक्विड गुड से एक मिश्रण तैयार करके पानी में मिलाया जाता है। अगर आपकी 10000 लीटर की कैपेसिटीवाली टंकी है तो 5000 लीटर पानी टंकी में भरकर फिर उस मिश्रण को मिलाकर 7 से 10 दिन तक छोड़ दे। इसमें Airway की छोटी-छोटी पाइप डाले जाते हैं जो नीचे की पानी को ऊपर की तरफ blow करती है। 7 से 10 दिन के पानी में floc की मात्रा को चेक करके फिर floc छोड़ा जाता है और पानी डाली जाती है. इस प्रोसेस में Airway pipe की अहम भूमिका होती है जिसके जरिए मछली की मल को फिर से floc बनाया जाता है फिर मछली उसको खा लेती है.

इस सिस्टम में आपको कोई भी फिल्टर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन Airblower चलाने के लिए आपको इलेक्ट्रिसिटी चाहिए इसलिए 24 घंटे पावर बैकअप जरुरी है.b

Biofloc fish farming setup करने के लिए आप जितने टैंक लगाएंगे और टैंक की साइज क्या है उस हिसाब से खर्चा होगा। आप अपनी पूंजी के हिसाब से शुरू कर सकते हैं फिर भी मेरे ख्याल से दो से तीन लाख लगेंगे। आप कितनी टंकी लगाएंगे इस हिसाब से खर्च आएगा। एक टंकी में लगभग 25,0000 से ₹30,000 लगता है आर चारा खिलाने का अलग। इस सिस्टम से आप साल में तीन से चार बार fish farming कर सकते हैं.  20000 लीटर के कैपेसिटी के टैंक में आप 3:1 के अनुपात से मछली की चारा या fish Seed डाल सकते हैं. टंकी के कैपेसिटी की हिसाब से टंकी में fish seed डालें। इस सिस्टम से आप 1 साल में दो से तीन बार मछली उत्पादन कर सकते हैं मतलब 4 से 6 महीने में आपके मछली रेडी हो जाएंगे मार्केट में बेचने के लिए।

Fish farming को बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट ICAR-CIBA की तरफ से ट्रेनिंग दी जाती है और workshops  भी चलाए जाते हैं। तो अगर आपको भी इंटरेस्ट है तो आप भी ट्रेनिंग लेकर biofloc system से fish farming कर सकते हैं और इस बिजनेस से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आजकल गवर्नमेंट की तरफ से फिश फार्मिंग के लिए 60% सब्सिडी भी दी जा रही है और हमारी सरकार मछली पालन को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि सभी बेरोजगार अपनी रोजी रोटी चला सके खासकर युवा वर्ग के बेरोजगार पुरुष और महिलाओं के लिए। महिलाओं को कुछ ज्यादा ही सब्सिडी मिलती है पुरुष की तुलना में ताकि वह अपनी पहचान बना सके और अपनी परिवार का सहारा बन सके और गुजर बसर अच्छे से कर सके चाहे तो मछली पालन हो या कोई भी उद्योग।

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