गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020

Aloe Vera farming या खेती कैसे करें?

 Aloe Vera farming या खेती कैसे करें?

Uses of aloevera या एलोवेरा की विशेषताएं


एलोवेरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण पौधा या प्लांट है जिसकी मेडिसिनल वैल्यू बहुत ही ज्यादा है। एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिससे बहुत सारे दवाइयां बनाई जाती है और immunity को बढ़ाने के लिए भी इसका प्रयोग होता है। एलोवेरा को घृतकुमारी भी कहा जाता है भारत में।

Aloe Vera
Aloe Vera

एलोवेरा में मेडिसिनल एलिमेंट इतने ज्यादा होते हैं कि बहुत सारे मेडिसिन में इसका प्रयोग होता है जैसे कि हर्बल मेडिसिन, ब्रिटिश मेडिसिन, आयुर्वेद, फार्मेसी और चाइनीस हर्बल मेडिसिन ने भी इसका प्रयोग होता है।

एलोवेरा में विटामिन A, C, E की मात्रा बहुत ज्यादा होती है इसीलिए हमारे त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद और हमारे शरीर को hydrate रखने में मदद करते हैं।

एलोवेरा हमारी त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं और त्वचा को जवान रखने में मदद करते हैं मतलब झुरिया देर से आती है। एलोवेरा हमारे पेट की समस्या या गैस्ट्रिक के प्रॉब्लम को भी ठीक करती है। अगर हम एलोवेरा जूस खाली पेट में पिए तो हमारे सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है जैसे कि मोटापा कम होती है, हमारे त्वचा को हाइड्रेट रखती है और गैस की प्रॉब्लम को भी ठीक कर देती है। एलोवेरा जूस पीने से कब्ज से भी छुटकारा मिलता है।

एलोवेरा हमारे बालों के लिए भी बहुत ही उपयोगी है यह हमारे बालों को झड़ने से रोकती है और हाइड्रेट रखती है जैसे हमारे त्वचा को हाइड्रेट रखती हैं इसीलिए एलोवेरा का जूस हर कोई पसंद करते हैं खासकर इस महामारी के समय में। एलोवेरा का जूस एक इम्यूनिटी बूस्टर जूस है सबके लिए कोई भी पी सकता है खाली पेट में अपने शरीर को हाइड्रेट रख सकते है इस महामारी के समय में।

आजकल हम सब चीजें हर्बल पसंद करने लगे हैं इसीलिए एलोवेरा का उपयोग हर तरह के हर्बल प्रोडक्ट में की जाती है जैसे कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स, साबुन, शैंपू, hand wash, face wash, face cream, hand sanitizer, body lotion, sunscreen lotion जैसे सामान में। फार्मेसी में भी एलोवेरा का उपयोग बड़ी मात्रा में होते हैं इसलिए बड़ी बड़ी कंपनी में आजकल एलोवेरा की डिमांड बहुत ज्यादा है इस वजह से एलोवेरा फार्मिंग या कल्टीवेशन बहुत बड़ी उद्योग या व्यापार बन चुकी है।

पूरी दुनिया में एलोवेरा की डिमांड है खासकर भारत में बहुत ज्यादा है क्योंकि भारत अपने हर्बल प्रोडक्ट को पूरी दुनिया में निर्यात करती है और पूरी दुनिया में भारत की हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड है। इसलिए छोटे बड़े सब बिजनेसमैन या फार्मर एलोवेरा फार्मिंग में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं और कर रहे हैं क्योंकि इसमें कोई ज्यादा इन्वेस्टमेंट नहीं लगती है और मुनाफा बहुत ज्यादा है। आजकल एलोवेरा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ट्रेंडिंग बिजनेस है। भारत में बहुत से राज्य में एलोवेरा की फॉर्म में होती है जैसे गुजरात, बिहार, उड़ीसा, कर्नाटका, महाराष्ट्र, झारखंड, वेस्ट बेंगल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, यूपी, को एमपी बहुत सारे राज्य में होती है और भारत की जलवायु एलोवेरा फार्मिंग के लिए उत्तम है।

भारत के बहुत सारे आयुर्वेदिक कंपनियां एलोवेरा के  प्रोडक्ट बनाते हैं और कई कंपनियां एलोवेरा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी कराते हैं जैसे कि,

आजकल सब केमिकल प्रोडक्ट को छोड़कर हर्बल प्रोडक्ट को अपना रहे हैं इसलिए एलोवेरा की भी डिमांड बहुत ज्यादा है खासकर beauty products, body lotion, hand wash, soap, , face cream, hand sanitizer, sunscreen lotion जैसे प्रोडक्ट्स में इसलिए अगर आपके पास खाली जमीन है तो आप भी एलोवेरा के फॉर्मिंग कर सकते हैं। कोई भी किसान आसानी से अपनी खाली जमीन में एलोवेरा की फार्मिंग कर सकते हैं और कंपनी को बेच सकते हैं, नहीं तो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं आसानी से।आजकल बहुत ही ट्रेंनिंग बिजनेस है एलोवेरा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग।


Aloe Vera Products



एलोवेरा फार्मिंग या एलोवेरा की खेती कैसे करें इंडिया में?

एलोवेरा की खेती के लिए के लिए इंडिया की वेदर या जलवायु एकदम ठीक है। एलोवेरा की खेती के लिए कोई खास किस्म की मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती हर मिट्टी में एलोवेरा की पौधे उग जाती है लेकिन बालू मिट्टी सबसे अच्छा है एलोवेरा की खेती के लिए। एलोवेरा की खेती के लिए कोई खास देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती। एलोवेरा की खेती के लिए सूरज की रोशनी बहुत जरूरी है। एलोवेरा की खेती के लिए पानी की भी जरूरत ज्यादा नहीं पड़ती है। इंडिया में तकरीबन हर राज्य में एलोवेरा की खेती की जा रही है। आजकल बहुत सारे हर्बल कंपनी किसानों के साथ buy-back कॉन्ट्रैक्ट या एग्रीमेंट कर रहे हैं एलोवेरा की खेती के लिए।

Buy-back contract या agreement क्या है एलोवेरा की खेती में?

पतंजलि आयुर्वेदा और हर्बल लाइफ जैसे बड़ी कंपनियां किसानों से एक कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर एलोवेरा फार्मिंग कराते हैं जिसमें कंपनियां एलोवेरा की छोटी पौधे किसानों को देते हैं पैसे लेकर लगाने के लिए और जब एलोवेरा पौधे बड़े हो जाते हैं उपयोग में आने के लिए तो कंपनी फिर से किसानों से हो खरीद लेते हैं पत्ते या पौधा। मतलब एलोवेरा के पौधे जब बेचने के लिए तैयार हो जाएंगे तो वह कंपनियां उनसे एलोवेरा के पौधे खरीद लेते हैं मतलब बड़ी-बड़ी कंपनियां किसान से एग्रीमेंट करके एलोवेरा की खेती कराते हैं वह एलोवेरा की चारा भी देते हैं किसान को एलोवेरा की खेती के लिए। इस कॉन्ट्रैक्ट से एलोवेरा की खेती करने के लिए कुछ खास नियम बनाए जाते हैं किसानों के लिए तब ही किसान buy-back कॉन्ट्रैक्ट कर पाते हैं कंपनियों से एलोवेरा की खेती के लिए। 

Buy-back contract में किसानों के लिए बहुत ही आसान होता है अपने फसल को बेचना। अपने फसल को बिक्री करने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। किसान बड़ी आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं एलोवेरा की खेती करके इसीलिए बहुत से किसान अब एलोवेरा की खेती कर रहे हैं buy-back contract या agreement के माध्यम से। कोई कोई कंपनी ये भी छूट देती है कि किसान चाहे तो अपनी फसल दूसरी कंपनी को भी बेच सकते हैं अगर उनको लगेगा दूसरी कंपनियां उनको ज्यादा रेट दे रहे हैं। कांटेक्ट में यह सारे नियम या rules लिखे जाते हैं।

बहुत सारे नियम होते हैं buy-back कॉन्ट्रैक्ट खेती में जैसे कि पौधे कितने में खरीदना है कंपनी से और कंपनी को कितनी रेट में बेचने है और कितने दिन के अंतराल में और कितने अमाउंट में बेचने है?इसीलिए जब भी buy-back कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करें, अच्छे से पढ़ ले कंपनी की तरफ से दी जाने वाली एग्रीमेंट पेपर मैं दी गई रूल रेगुलेशन को नहीं तो आपको धोखा भी हो सकता है इसीलिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने से पहले अच्छे से पढ़ ले यह बहुत जरूरी चीज है बहुत सारा नियम है कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए।

एलोवेरा की चारा या छोटी-छोटी पौधा 1-2 रुपया में मिलती है और बड़े पौधा ₹3 या उससे अधिक में बिकती है।

कुछ खास चीजें एलोवेरा की खेती के लिए

  • एलोवेरा की खेती के लिए गर्मी की मौसम सही रहती हैं। मई या जून महीना में एलोवेरा की खेती की शुरू करनी चाहिए मतलब एलोवेरा की पौधे लगाने चाहिए।
  • ठंडे की मौसम में एलोवेरा की खेती या प्लांटेशन नहीं करनी चाहिए हमेशा गर्मी में शुरू करनी चाहिए।
  • एलोवेरा की पौधा 10 इंच की साइज में लगाना चाहिए उनसे जो छोटे-छोटे रहेंगे वह मर भी सकते हैं इसलिए 10 इंच साइज के पौधे प्लांटेशन के लिए सही रहता है।
  • दो-दो फीट की दूरी पर एक एलोवेरा की पौधे लगाने चाहिए क्योंकि एलोवेरा की पौधों को बढ़ाने के लिए जगह की जरूरत पड़ती है और एक से बहुत सारे हो जाते हैं बाद में इसलिए दो-दो फीट की दूरी जरूरी है हर पौधे में।
  • पानी देने के लिए ड्रेनेज सिस्टम अपनाएं या बनाइए तब सही तरीके से हर पौधों को पानी मिलेगी और पौधा आसानी से बढ़ेगी।
  • एलोवेरा खेती के लिए बालू मिट्टी सही रहती हैं और गोबर का सार आप डाल सकते हैं अच्छी पैदावार के लिए मतलब पौधा को बढ़ाने के लिए। जैविक सार अच्छी होती है एलोवेरा एलोवेरा के पौधों के लिए। 
  • एलोवेरा फार्मिंग के लिए पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी होनी चाहिए। ज्यादा ठंडा मौसम एलोवेरा के पौधों के लिए ठीक नहीं होती है।


मार्केटिंग और मुनाफा एलोवेरा की खेती में

एलोवेरा की खेती की मार्केटिंग कैसे करें और मुनाफा कैसे कमाए जाते हैं जानते हैं।

एलोवेरा की पौधों के साइज के हिसाब से उसकी कीमत होती है। एलोवेरा की पौधे 3 से 5 रुपए प्रति किलो तक बिकते हैं। एलोवेरा के पत्तों का दाम ज्यादा होता है। एलोवेरा के पत्ते 5 से ₹6 प्रति किलो की दर से बिकते है।

एक एकर जमीन पर 10,000 एलोवेरा की पौधे लगा सकते हैं 2 फीट की दूरी में। 8 से 9 महीने में आपकी एलोवेरा तैयार हो जाते हैं बेचने के लिए और हर 6 महीने में आप पत्ते तोड़ कर बेच सकते हैं।

1 एकड़ जमीन में एलोवेरा की पौधे लगाने में ₹30000 तक की खर्चा आ सकती है और 10 महीने के बाद आप एलोवेरा को बेच सकते हैं वह तैयार हो जाते हैं उपयोग में आने के लिए। 

1 एकड़ एक एकर जमीन में आप 200000 - 300000 तक कमा सकते हैं एलोवेरा की खेती करके हर साल।

अगर आप एलोवेरा की पत्ते नहीं बेचना चाहते हैं तो आप उनसे जेल बनाकर बेच सकते हैं तो आपको ज्यादा मुनाफा होगा लेकिन उसके लिए आपको जेल बनाने की मशीन ट्रेनिंग करनी चाहिए। आप एक बार एलोवेरा की प्लांटेशन करते हैं तो आप 5 साल तक उनसे कमा सकते हैं पत्ते बेचकर या पौधे बेचकर या जेल बनाकर हर हालत में आपको मुनाफा होगा। इसीलिए एलोवेरा की खेती आजकल बहुत सारे किसान कर रहे हैं अपनी खाली परी जमीन पर जोकि बंजर बन चुके हैं और मुनाफा कमा रहे हैं।


एलोवेरा की खेती बहुत ही खास है किसानों के लिए जिन्हें बहुत ज्यादा घाटा हो रहा है अनाज की खेती करके या जिनके पास उपजाऊ जमीन नहीं है उनके लिए क्योंकि एलोवेरा की खेती के लिए खास किस्म की मिट्टी या उपजाऊ होना जरूरी नहीं है कोई भी मिट्टी में आप एलोवेरा उगा सकते हैं और खासी कमाई कर सकते हैं खासकर उन किसानों के लिए हैं जो कर्ज के दलदल में फंस गए हैं और आत्महत्या कर रहे हैं उनके लिए एक खास खेती है एलोवेरा की खेती। ज्यादा जानकारी के लिए आप YouTube video की मदद ले सकतेे हैं कैसे एलोवेरा की फार्मिंग या खेती करें। एलोवेरा की खेती करने से पहले आप ट्रेनिंग भी लेेे सकते हैं इससे आप आसानी से सब चीज कर पाएंगे और आपकी खेती भी अच्छी होगी।

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